प्रशिक्षण के दौरान अध्यापकों को बताया श्री अन्न का महत्व

शाहगंज, जौनपुर। विकास खण्ड शाहगंज स्थित बीआरसी सभागार में उत्तर प्रदेश मिलेट्स पुनरुद्धार योजना के तहत मंगलवार को अध्यापकों का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। कृषि विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में श्री अन्न के महत्व एवं उपयोगिता के बारे में अध्यापकों को जानकारी दी गई। अध्यक्षता एडीओ कृषि धर्मेंद्र सरोज ने की।

उप परियोजना निदेशक डॉ. रमेश चंद्र यादव ने अध्यापकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि सरल शब्दों में कहें तो गेहूं और चावल को छोड़कर ज्वार, बाजरा, मक्का, सावा, कोदो, रागी, जौ, जई आदि को मोटे अनाज में शुमार किया जाता है। गेहूं और चावल की तुलना में मोटे अनाजों की सतह तुलनात्मक रुप से खुरदरी होती है। आहार व पोषण विशेषज्ञ मोटे अनाजों की खूबियों से इतने प्रभावित हैं कि इन्हें सुपरफूड्स के रूप में मान्यता दे रहे हैं।

खंड शिक्षा अधिकारी बसंत शुक्ला ने कहा कि अध्यापक अपने विद्यालय के छात्र, छात्राओं को मोटे अनाज की उपयोगिता से जागरूक करें ताकि उनके परिजन मोटे अनाज की खेती करें। श्री अन्न को एमडीएम में भी शामिल किया जाएगा, जिससे जनपद में मिलेट्स के उत्पादन को बल मिलेगा, साथ ही मानव स्वास्थ्य बेहतर होगा तथा किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी।

उन्होंने कहा कि मोटे अनाजों की उपयोगिता को देखते हुए सरकार ने इसे श्री अन्न योजना का नाम दिया है। दूसरे अनाजों की तरह ही मोटे अनाज को चिल्ला, खीर, खिचड़ी, दलिया, कटलेट, सूप, उपमा, डोसा, इडली, बिस्कुट, स्नेक्स, चिक्की आदि रुपो में खाया जा सकता है।

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