डीएम बोले- गो-आश्रय स्थलों में अधिकारी मुकम्मल व्यवस्थाएं कराएं: गोवंशों को हरे चारे के साथ अच्छे क्वालिटी का भूसा खिलाएं, लापरवाही मिलने पर होगी कार्रवाई

श्रावस्ती में जिलाधिकारी अजय कुमार द्विवेदी की अध्यक्षता में निराश्रित गोवंश की समस्या के निदान के लिए गोवंश आश्रय स्थल के निरीक्षण के लिए नामित नोडल अधिकारियों के साथ कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक हुई. बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि गो-आश्रय स्थलों में रह रहे गोवंशों के लिए मुकम्मल व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाए. गो-संरक्षण केन्द्रों में रहने वाले गोवंशों के लिए चारा-पानी एवं उनके रहने के लिए छाया की व्यवस्था भी सुनिश्चित रहनी चाहिए. जिससे उन्हें गो-आश्रय केन्द्रों में कोई दिक्कत न होने पाए. गोशाला में किसी भी तरह की लापरवाही क्षम्य नहीं होगी, पशु खुले में नहीं रहेंगे। कहीं भी किसी जानवर को कोई हानि पहुंचती है तो सम्बन्धित चिकित्सक तत्काल उनका उपचार करेंगे.
उन्होने सभी उपजिलाधिकारियों, खण्ड विकास अधिकारियों एवं उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारियों को समय-समय पर गौशालाओं का निरीक्षण कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए और कहा कि सभी पशुओं की ईयर टैगिंग अवश्य करा दें। शेड, बाउण्ड्रीवाल, पानी, चूनी-चोकर, भूसा आदि की गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए. पशुओं के लिए सभी गौशालाओं में हरा चारा दो दिवस के अन्दर तक ही प्रयोग किया जाए. जिन गौशालाओं में जल जमाव की स्थिति है, उसे साफ कराया जाए अथवा मिट्टी पटाई का कार्य तत्काल कराया जाए.
उन्होने कहा कि सभी उपजिलाधिकारी एवं खण्ड विकास अधिकारी गोबर का उचित निस्तारण करायें तथा ग्राम पंचायत स्तर पर गोबर एकत्र कराकर उसकी डंपिंग करायी जाए। गोवंशों के स्वास्थ्य की जांच के लिए चिकित्सक प्रतिदिन मानिटरिंग करें। सभी उपजिलाधिकारी एवं खण्ड विकास अधिकारी दवाईयों का स्टॉक अवश्य चेक करें. मृतक गोवंशों का निस्तारण मानक के अनुसार कराया जाए.
गोशाला में किसी भी अनाधिकृत व्यक्ति का प्रवेश प्रत्येक दशा में न किया जाए. सभी गौशालाओं में उनसे सम्बन्धित पशु चिकित्सकों एवं केयर टेकर, ग्राम प्रधान व सचिव के नाम व मोबाइल नम्बर अवश्य लिखवाया जाए. निरीक्षण के दौरान समस्त नोडल अधिकारी गो आश्रय स्थल के सभी पंजिकाओं को व्यवस्थित रखना सुनिश्चित कराएं. इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही क्षम्य नहीं की जाएगी.
उन्होने यह भी निर्देशित किया है कि वे अपने से सम्बन्धित गौशालाओं का निरीक्षण करें तथा उसकी रिर्पाेट दो दिवस के अन्दर उपलब्ध कराए। जिलाधिकारी ने कहा कि निराश्रित गोवंशों के संरक्षण एवं भरण-पोषण सरकार की शीर्ष प्राथमिकताओं में है. कोई भी व्यक्ति किसी भी गौशाला से एक पशु गोद ले सकते है। जिन व्यक्तियों द्वारा पशुओं को गोद लिया गया है, उनके घर-घर जाकर निरंतर मानिटरिंग की जाए तथा देखा जाए कि वे पशु पालने में सक्षम है अथवा नहीं। जो व्यक्ति पशु पालने में सक्षम नहीं है उनके विरूद्ध कार्रवाई की जाए.
बैठक का संचालन मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. मानव ने किया. इस दौरान अपर जिलाधिकारी अमरेन्द्र कुमार वर्मा, उपजिलाधिकारी भिनगा पीयूष जायसवाल, उपजिलाधिकारी इकौना ओम प्रकाश, उपजिलाधिकारी जमुनहा आशीष भारद्वाज, जिला विकास अधिकारी रामसमुझ, तहसीलदार भिनगा जागृति सिंह, इकौना विपुल सिंह, तहसीलदार जमुनहा प्रद्युमन कुमार सहित समस्त खण्ड विकास अधिकारी और अन्य सम्बन्धित नोडल अधिकारी उपस्थित रहे.