कानपुर देहात में शिक्षकों का प्रशिक्षण: वैज्ञानिक बोले- मोटे अनाज से बीमारियों से लड़ने की बढ़ती है क्षमता

कानपुर देहात के मैथा बीआरसी में कृषि विभाग ने एकदिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया. जिसमें शिक्षकों को मोटे अनाज के महत्व के बारे में जानकारी दी गई.

कृषि वैज्ञानिक डॉ. खलील खान ने बताया कि भोजन में मोटे अनाजों का अधिक प्रयोग करना चाहिए. इन अनाजों में प्रोटीन, वसा, और खनिज लवण अन्य अनाजों की तुलना में अधिक मात्रा में होते हैं. जिससे यह सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं.

उन्होंने कहा कि आज के दौर में मोटापा, शुगर, और अर्थराइटिस जैसी गंभीर बीमारियां तेजी से फैल रही हैं. इनसे बचने के लिए श्री अन्न (मोटे अनाज) का सेवन बेहद जरूरी है। इन अनाजों में बीमारियों से लड़ने की क्षमता होती है.

उन्होंने शिक्षकों से अपील किए कि वे अभिभावकों को इस बारे में जागरूक करें और छात्रों को भी मोटे अनाज खाने के लिए प्रेरित करें. प्रशिक्षण के दौरान बीज प्रभारी दीपक कुमार और टीएसी सूर्य प्रताप सहित कई शिक्षक मौजूद रहे.

उधर, विकासखंड परिसर सरवन खेड़ा में भी शिक्षकों का एक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया. जिसमें मिलेट्स पुनरुद्धार योजना के तहत अध्यापकों को मोटे अनाजों के महत्व और उपयोगिता पर प्रशिक्षित किया गया.

इस कार्यक्रम में प्रशिक्षक डॉ. आरएल आर्या ने ज्वार, बाजरा, सांवा, कोदो, रागी आदि मोटे अनाजों के लाभ के बारे में विस्तार से बताया.

इस दौरान गोदाम प्रभारी प्रद्युम्न यादव, सुभाष चंद्र, संदीप कुमार सहित अन्य शिक्षक भी उपस्थित रहे.

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