IIT कानपुर में स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम का आयोजन: डीन ने दिलाई शपथ, बोले-अपने घरों से करें सफाई की शुरूआत

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर में राष्ट्रव्यापी ‘स्वच्छता ही सेवा 2024’ अभियान के तहत कार्यक्रम का आयोजन हुआ. जिसका विषय है- स्वभाव स्वच्छता-संस्कार स्वच्छता. 17 सितंबर से शुरू हुआ यह अभियान 2 अक्टूबर तक चलेगा. जिसका उद्देश्य पूरे भारत में स्वच्छता के महत्व को मजबूत करना है. IIT प्रशासन का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2014 में स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत के बाद से इस पहल से स्वच्छता और सफाई के प्रति राष्ट्र में व्यवहारिक बदलाव देखा गया है. जिससे हर साल स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ रही है.

इस अभियान के दौरान आईआईटी कानपुर में इंफ्रास्ट्रक्चर और प्लानिंग के डीन प्रोफेसर जे. रामकुमार और संस्थान के रजिस्ट्रार विश्व रंजन ने सभी उपस्थित लोगों को स्वच्छता की शपथ दिलाई. उन्होंने कहा कि “हमें अपने घरों से शुरुआत करके स्वच्छ वातावरण बनाने की पहल करनी चाहिए. अपने दैनिक जीवन में स्वच्छता को शामिल करना न केवल महत्वपूर्ण है बल्कि हमारे स्वास्थ्य और कल्याण के लिए भी आवश्यक है. स्वच्छता ही सेवा है और यह अभियान हमारे संस्थान, शहर और देश को स्वच्छ रखने की शपथ है. यह हमारे समुदाय को सभी के लिए एक स्वस्थ स्थान बनाने के बारे में है.”

पखवाड़े भर चलने वाले इस कार्यक्रम के दौरान संस्थान स्वच्छता से जुड़ी विभिन्न गतिविधियाँ चला रहा है, जिससे सभी को स्वच्छता को अपने जीवन का एक अहम हिस्सा बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसका उद्देश्य स्वच्छ भारत अभियान के लक्ष्यों में योगदान देना है. जिससे सभी नागरिकों के लिए स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण सुनिश्चित हो सके.

इस अभियान में संस्थान निर्माण विभाग के प्रभारी एवं अधिकारी आरके वर्मा, वीपी सिंह, विनय तिवारी, मनीष खरवार, सुदर्शन दास, राजेश गुप्ता, वेंकटेश, वीरेंद्र सिंह, आरपी सिंह, मुरली, दिनेश सहित कई प्रमुख कर्मी शामिल रहे.

IIT कानपुर एक नजर में

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) कानपुर की स्थापना 2 नवंबर 1959 को संसद के एक अधिनियम द्वारा की गई थी। संस्थान का विशाल परिसर 1050 एकड़ में फैला हुआ है, जिसमें 19 विभागों, 22 केंद्रों, इंजीनियरिंग, विज्ञान, डिजाइन, मानविकी और प्रबंधन विषयों में 3 अंतःविषय कार्यक्रमों में फैले शैक्षणिक और अनुसंधान संसाधनों के बड़े पूल के साथ 580 से अधिक पूर्णकालिक संकाय सदस्य और लगभग 9000 छात्र हैं । औपचारिक स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के अलावा, संस्थान उद्योग और सरकार दोनों के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अनुसंधान और विकास में सक्रिय रहता है।

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