श्रावस्ती में DM ने की शिक्षा विभाग की समीक्षा: बोले- निष्ठा के साथ काम करके स्कूलों को बेहतर बना सकते हैं

श्रावस्ती में जिलाधिकारी अजय कुमार द्विवेदी ने बुधवार को बेसिक शिक्षा विभाग की समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने कहा कि शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए यह आवश्यक है कि विभाग के सभी कर्मचारी पूर्णनिष्ठा के साथ काम करें. तभी हम विद्यालयों को बेहतर बना सकते हैं.
पीएम श्री योजनान्तर्गत वर्ष 2023-24 में 06 विद्यालय और 2024-25 में 05 विद्यालयों का चयन पीएम श्री योजनान्तर्गत किया गया है. पीएमश्री योजना का मुख्य उद्देश्य चयनित विद्यालयों को समस्त प्रकार से सुव्यवस्थित करना है. इस योजना में विद्यालयों में कम्प्यूटर लैब, खेल का मैदान, प्रयोगशाला, पुस्तकालय, गार्ड रूम, मध्यान्ह भोजन शेड, बैडमिन्टन कोर्ट, आर्ट एण्ड क्राफ्ट रूम आदि का निर्माण कराया जा रहा है.
जिलाधिकारी ने खण्ड शिक्षा अधिकारियों से व्यक्तिगत रूप से समीक्षा करते हुए पीएम श्री विद्यालयों में गतिमान कार्याें की प्रगति के विषय में जानकारी ली. जिसमें खण्ड शिक्षा अधिकारियों के द्वारा समुचित उत्तर प्राप्त न होने की दशा में उन्हें कड़ी चेतावनी देते हुए सम्पादित कराये जा रहे कार्यों की स्थलीय समीक्षा करते हुए प्रत्येक सप्ताह फोटोग्राफ के साथ स्पष्ट आख्या प्रेषित करें.
खण्ड शिक्षा अधिकारियों के द्वारा जिम्मेदारी के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन न किये जाने के कारण उन्हें भविष्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही न करने के लिए कठोर निर्देश दिये। जिलाधिकारी ने डिस्ट्रिक्ट टास्क फोर्स के अधिकारियों को यह भी निर्देशित किया.
उन्होंने कहा सभी को प्रत्येक माह अपने लक्ष्य के अनुसार विद्यालयों का निरीक्षण करना है। निरीक्षण में इस बात का भी ध्यान रखना है कि समस्त योजनाओं के साथ ही साथ पी0एम0श्री विद्यालयों में हो रहे कार्यों को भी विशेष रूप से देखना है तथा जो भी कमी दिखायी दे उसके संबंध में संबंधित अध्यापक को उचित निर्देश भी प्रदान करें.
मुख्य विकास अधिकारी अनुभव सिंह ने शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने एआरपी को कठोर निर्देश प्रदान करते हुए चेतावनी दी कि एक एआरपी को 01 दिन में मात्र एक विद्यालय का सहयोगात्मक पर्यवेक्षण करना है. जिसकी अवधि 02 घंटे से किसी भी दशा में कम न हो.
जिस विद्यालय में एआरपी के द्वारा उचित ढंग से सहयोगात्मक पर्यवेक्षण नहीं किया जायेगा उसके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही संपादित कर दी जायेगी। उन्होंने कहा कि बच्चों की शैक्षिक गुणवत्ता का कार्य बहुत महत्वपूर्ण है अतः इसमें किसी भी प्रकार की कमी के लिए संबंधित को जिम्मेदार मानते हुए उनके विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जायेगी.
कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में भी शैक्षिक गुणवत्ता के संबंध में यह भी निर्देशित किया कि प्रत्येक माह कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में परीक्षा का आयोजन कराते हुए बालिकाओं का शैक्षिक मूल्यांकन करते हुए उनकी शैक्षिक गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए.
बैठक में मुख्य चिकित्साधिकारी डा. एपी सिंह, जिला समाज कल्याण अधिकारी डा. अमरनाथ यति, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अजय कुमार, जिला समन्वयक अजीत उपाध्याय के साथ ही समस्त जनपद स्तरीय अधिकारी और एसआरजी व एआरपी उपस्थित रहे.