उत्सव के रूप में मनाया जाएगा मातृ वंदना सप्ताह, सभी केंद्रों पर बनेंगे सेल्फी कार्नर
सोनभद्र: पहली बार गर्भवती और धात्री महिलाओं के बेहतर स्वास्थ्य देखभाल और पोषण के लिए पूरे देश में चलायी जा रही प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना को गति प्रदान के लिए एक से सात सितम्बर तक मातृ वंदना सप्ताह मनाया जाएगा. इस सप्ताह को एक उत्सव के रूप में मनाने की योजना है. जिसके तहत सप्ताह के हर दिन अलग-अलग गतिविधियाँ आयोजित की जायेंगी. हर साल मनाये जाने वाले इस सप्ताह की इस बार की थीम ‘मातृ शक्ति-राष्ट्र शक्ति’ निर्धारित की गयी है. इस बार इस सप्ताह के दौरान गर्भवती को कोविड टीकाकरण के प्रति विशेष तौर पर जागरूक करने की योजना है.
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. नेम सिंह ने बताया कि मातृ वंदना सप्ताह के दौरान सभी पात्र गर्भवती व धात्री महिलाओं को लाभ पहुँचाने पर जोर दिया जाएगा. जनसामान्य तक ज्यादा से ज्यादा योजना का प्रचार-प्रसार हो और स्वास्थ्य, पोषण एवं स्वच्छता के प्रति संवेदनशीलता को बढ़ावा दिया जाएगा. इसके अलावा कोविड टीकाकरण के प्रति गर्भवती को विशेष तौर पर जागरूक किया जाएगा.
सप्ताह के दौरान गर्भवती को उचित आराम व पोषण की जरूरत के बारे में समझाया जायेगा और नियमित प्रसव पूर्व देखभाल की आवश्यकता बताई जाएगी क्योंकि एक हृष्ट-पुष्ट शिशु के लिए जरूरी है कि गर्भवती के पोषण का खास ख्याल रखा जाए. हरी साग-सब्जियों व मौसमी फल को नियमित भोजन में शामिल किया जाए. गर्भवती को यह भी बताया जाएगा कि संस्थागत प्रसव में ही माँ-बच्चे की सुरक्षा निहित है व शिशु टीकाकरण बच्चे के बेहतर स्वास्थ्य के लिए जरूरी है.
मातृ वंदना सप्ताह के पहले दिन हर ब्लाक पर माँ-बच्चे एवं गर्भवती के लिए सेल्फी कार्नर बनाया जाएगा और माँ एवं प्रथम शिशु अथवा गर्भवती की सेल्फी सोशल मीडिया जैसे-ट्विटर व व्हाट्सएप पर जनपद, राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर अपलोड की जाएगी. ताकि चयनित फोटो को राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होने वाले पुरस्कार वितरण समारोह में प्रदर्शित किया जा सके. गर्भवती व धात्री महिला को सामुदायिक सहयोग सुनिश्चित करने के लिए पंचायत स्तर पर हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा. सप्ताह के दूसरे दिन योजना के सफल क्रियान्वयन व उसके उद्देश्यों के लिए ग्राम सभा व शहरी निकाय की बैठक होगी.
ग्राम सभा स्तर पर पम्प्लेट्स का वितरण किया जायेगा, जिसमें योजना के लाभ एवं हेल्पलाइन नम्बर 7998799804 को अंकित किया जाएगा. तीसरे दिन घर-घर अभियान चलाकर पात्र लाभार्थियों से प्रपत्र एकत्र कर उसी दिन कम्प्यूटर पर दर्ज कर अप्रूवल की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. शून्य व निष्क्रिय आशा कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहित किया जाएगा कि वह अपने क्षेत्र की सभी पात्र लाभार्थियों का फ़ार्म भरवाएं.
गर्भवती को इसी दौरान कोविड टीकाकरण के प्रति जागरूक किया जाएगा. चौथे दिन कोरोना प्रोटोकाल का पालन करते हुए स्टेक होल्डर्स के साथ बैठक कर बैंक, डाक घर, यूआईडीआई, पंचायती राज व सम्बंधित क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं के साथ शिविर का आयोजन किया जाएगा. पांचवें दिन विशेष अभियान चलाकर करेक्शन क्यू में कमी लायी जायेगी, द्वितीय व तृतीय किश्त के मामलों का निस्तारण किया जाएगा और कोविड टीकाकरण के लिए संवेदीकरण अभियान चलाया जाएगा.
छठे दिन प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर महिला सामुदायिक इवेंट का आयोजन होगा. गर्भवती को मौसमी फल, पौष्टिक आहार व अन्य खानपान की जानकारी दी जाएगी. पकवान, प्रश्नोत्तरी व स्लोगन लेखन प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी और कोविड टीकाकरण के लिए विशेष शिविर आयोजित होगे. आखिरी दिन सहयोगी संगठनों व जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित कर उत्कृष्ट उपलब्धि वाले ब्लाक स्तरीय अधिकारियों और उच्च उपलब्धि वाली आशा, आशा संगिनी व एएनएम को पुरस्कृत किया जाए.
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के नोडल डॉ आर जी यादव ने बताया कि पहली बार गर्भवती होने पर योजना के तहत पंजीकरण के लिए गर्भवती और उसके पति का कोई पहचान पत्र या आधार कार्ड, मातृ-शिशु सुरक्षा कार्ड, बैंक पासबुक की फोटो कापी जरूरी है. बैंक अकाउंट ज्वाइंट नहीं होना चाहिए. पंजीकरण के साथ ही गर्भवती को प्रथम किश्त के रूप में 1000 रुपये दिए जाते हैं. प्रसव पूर्व कम से कम एक जांच होने और गर्भावस्था के छह माह बाद दूसरी किश्त के रूप में 2000 रुपये और बच्चे के जन्म का पंजीकरण होने और बच्चे के प्रथम चक्र का टीकाकरण पूरा होने पर धात्री महिला को तीसरी किश्त के रूप में 2000 रुपये दिए जाते हैं. यह सभी भुगतान गर्भवती के बैंक खाते में ही किये जाते हैं.