यूपी में अब्बाजान…चचाजान और भाईजान पर राजनीति गरमाई, अब आगे क्या?

लखनऊः 2022 यूपी विधानसभा चुनाव की सुगबुगाहट शुरू हो गयी है. दोबारा सत्ता में आने के लिए भाजपा ओवर कॉन्फिडेंस में नजर आ रही है. भाजपा की स्थिति कानून व्यवस्था को लेकर मजबूत नहीं दिख रही. जिससे पार्टी अपने पुराने रास्ते पर फिर से आती दिख रही है. जिसकी शुरूआत उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अब्बाजान कह कर शुरू कर दी और अपने पुराने रंग हिंदुत्व की तरफ बढ़ रहे हैं.

योगी आदित्यनाथ जो कि हिन्दुत्व के फायर ब्रांड नेता कहे जाते हैं. 2017 में मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने काफी हद तक अपने व्यक्तित्व में बदलाव किया था. लेकिन चुनाव से पूर्व फिर से उसी रंग में आ रहे हैं. लगातार वह समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पर निशाना साध रहे हैं. दरअसल, उन्हें पता है कि 2022 के चुनाव में बीजेपी की समाजवादी पार्टी से सीधी टक्कर है. इसलिए पूरे प्रदेश में घूमकर वह चुन-चुन कर अपने विरोधियों पर बरस रहे हैं.

कुछ दिनों पहले एक निजी चैनल पर बोलते हुए उन्होंने अब्बाजान का जिक्र किया था. जिसका सपा ने जमकर विरोध किया. वहीं, अखिलेश यादव ने प्रेस कॉंन्फ्रेस करके उन्हें चेतावनी दी थी और वाणी पर संयम रखने की सलाह भी. लेकिन हिन्दुत्व के पोस्टर ब्वॉय योगी आदित्यनाथ ऩे इस पर हंगामा होते देखा और उन्हें लगा कि इससे जनता को आकर्षित किया जा सकता है. लिहाजा उन्होंने कुशीनगर की एक रैली में फिर से अब्बाजान बोल कर राशन वितरण में घोटाला करने का जिक्र किया और जमकर भड़ास निकली.

योगी के अब्बाजान के बयान का समाजवादी पार्टी के साथ विपक्ष के सभी दलों ने निंदा की. इसके बाद क्या था, अखिलेश यादव ने संयम बरता लेकिन दूसरे दिन लखनऊ में पीसी करके उन्होंने बीजेपी को अपना चुनाव चिह्न बुल्डोजर रखने के लिए कह दिया. जिसके बाद बीजेपी के नेता कैसे पीछे रहते. इसलिए फौरन केशव प्रसाद मौर्य ने तीखा हमला किया और सपा को चुनाव चिह्न एके-47 रखने को कह दिया. इसके बाद राजनीतिक बयानबाजी और डिबेट लगातार होते रहे.

वहीं, भाजपा और सपा के बयानबाजी के बीच में किसान नेता राकेश टिकैत भी कूद पड़े. उन्होंने असदुद्दीन औवैसी को भाजपा की बी-टीम बता दिया और कहा कि भाजपा को जिताने चचाजान आ गये हैं. इसके बाद क्या था बीजेपी के नेता राकेश टिकैत पर हमलावार हो गये और उन्हें चुनाव लड़ने तक की चेतावनी दे दी.

अब यूपी की राजनीति मुद्दों के बजाय अब्बाजान, चचाजान और भाईजान की ओर बढ़ती नजर आ रही है. आने वाले 6 महीने में देखना है कि यूपी के चुनाव में विकास का मुद्दा आएगा या इसी तरह के वक्तव्य और बयानबाजी में यूपी की जनता फंसेगी.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

[srs_total_visitors]