जौनपुर में डबल मर्डर के 4 दोषियों को उम्रकैद: 2 को 3-3 साल की सजा, घर में घुसकर मारी थी गोली

जौनपुर के शाहगंज क्षेत्र में 2019 में सनसनी फैला देने वाले मुजफ्फरपुर (पट्टी चकेसर) डबल मर्डर मामले में फैसला आ गया है. कोर्ट ने 6 आरोपियों को दोषी करार दिया है. जिसमें 4 दोषियों को उम्रकैद और जुर्माने की सजा. साथ ही 2 दोषियों तीन साल की कैद और जुर्माना लगाया है. पट्टीदारी के विवाद को लेकर 2 लोगों की गोलियां बरसाकर हत्या कर दी गई थी.
शाहगंज कोतवाली क्षेत्र के मुजफ्फरपुर (पट्टी चकेसर) गांव में राधेश्याम उर्फ जोखू का रामकेवल और राम उग्रह से पट्टीदारी का विवाद चल रहा था. राधेश्याम और उनके बेटों वीरेंद्र, मोनू, रविंद्र, धर्मेंद्र, अभिषेक, पवन और विपिन ने 10 मार्च 2019 की रात रामकेवल के घर में घुसकर खुलेआम गोलियां बरसाई थी. जिसमें रामकेवल दूबे (60) की मौके पर ही मौत हो गई थी. उनके भाई राम उग्रह और बेटे अरविंद को भी गोली लगी और गंभीर हालत में दोनों को वाराणसी में इलाज के लिए भर्ती कराया गया. दूसरे दिन इलाज के दौरान राम उग्रह की भी मौत हो गई थी.
पट्टीदारों के बीच बंटवारे का विवाद करीब दो दशक से चल रहा था. 29 नवंबर 2018 को बच्चों के विवाद में पहले मारपीट हुई और फिर राधेश्याम के पक्ष के लोगों ने बम भी फेंका. इस बाबत कोतवाली में मुकदमा भी दर्ज हुआ था लेकिन कार्रवाई नहीं हुई थी. डबल मर्डर की घटना से पहले रामकेवल पक्ष ने कोतवाली में शिकायत की थी कि छत पर दीवार बनाने पर पट्टीदार राधेश्याम उर्फ जोखू पक्ष के लोग आपत्ति कर रहे हैं. पुलिस ने जोखू पक्ष की आपत्ति को गलत बताया था और रामकेवल से दीवार का निर्माण जारी रखने की बात कही. यही बात जोखू पक्ष के लोगों को नागवार गुजरी. उन्होंने पीड़ित के परिजनों को अंजाम भुगतने और हत्या करने की धमकी तक दे डाली थी. धमकी मिलने की जानकारी रामउग्रह ने घटना वाले दिन सुबह ही कोतवाली पहुंचकर पुलिस को दी थी और पुलिस ने उन्हें आश्वस्त भी किया था.
10 मार्च 2019 की रात करीब 10 बजे रामकेवल के घर के लोग बरामदे में बैठे थे. तभी राधेश्याम उर्फ जोखू और उसके पुत्रों ने पहुंचकर असलहे से ताबड़तोड़ फायर झोंक दिया. जिसमें रामकेवल की मौत हो गई. भाई रामउग्रह और पुत्र अरविंद गोली लगने से गंभीर रूप से घायल हुए. दूसरे दिन वाराणसी में राम उग्रह की मौत हो गई.
मामले की सुनवाई लगभग साढ़े चार साल तक चली. अपर सत्र न्यायधीश की अदालत ने राधेश्याम समेत उसके बेटों वीरेंद्र, रविंद्र और मोनू को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. साथ ही सभी पर 18-18 हजार का जुर्माना भी लगाया. इसके अलावा वीरेंद्र और मोनू को आर्म्स एक्ट के तहत 3 साल कैद की सजा सुनाई गई और 5-5 हजार का जुर्माना भी लगाया गया.