कृषि वैज्ञानिक डॉ. एके त्रिपाठी को वियतनाम में अंतर्राष्ट्रीय फेलो अवार्ड से किया गया सम्मानित
कानपुर के चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में 30 वर्षों तक शस्य विज्ञान विभाग में कार्यरत रहे डॉ. एके. त्रिपाठी वर्तमान में कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय बांदा में वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक हैं. उन्होंने अपने क्षेत्र में उत्कृष्टता के लिए अंतर्राष्ट्रीय पहचान बनाई है.
डॉ. त्रिपाठी ने गन्ना एवं एकीकृत प्रौद्योगिकी में पेशेवरों के अंतर्राष्ट्रीय संघ द्वारा आयोजित 8वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में प्रतिभाग किए. जो 16-19 सितंबर 2024 को वियतनाम के कुई न्योन में हुआ. इस सम्मेलन में 200 से अधिक वैज्ञानिकों और चीनी उद्योग के पेशेवरों ने भाग लिया.
बांदा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरेंद्र प्रताप सिंह के नेतृत्व में डॉ. त्रिपाठी ने “गन्ने के साथ सह-फसली खेती के द्वारा अधिक लाभ. विषय पर व्याख्यान दिया। उनके 35 वर्षों के कार्य और कृषि विश्वविद्यालय कानपुर में गन्ना फसलोत्पादन के लिए किए गए उत्कृष्ट कार्यों को ध्यान में रखते हुए, उन्हें 16 सितंबर 2024 को प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय फेलो अवार्ड से सम्मानित किया गया.
डा. त्रिपाठी को उनके योगदान के लिए 2018 में भारत के राष्ट्रपति द्वारा भी सम्मानित किया जा चुका है और वे कई अन्य पुरस्कारों एवं सम्मानों के भी हकदार रहे हैं. उनका काम कृषि क्षेत्र में प्रेरणास्त्रोत बना हुआ है, और उनकी उपलब्धियां न केवल उनके विश्वविद्यालय बल्कि पूरे देश का मान बढ़ा रही हैं.