चुनाव आयोग से उद्धव ठाकरे को बड़ा झटका, शिंदे गुट को तीर-कमान का निशान इस्तेमाल करने की इजाजत
चुनाव आयोग से उद्धव ठाकरे को बड़ा झटका लगा है. आयोग ने एकनाथ शिंदे गुट को असली शिवसेना माना है. इसके साथ ही आयोग ने शुक्रवार को शिंदे गुट को शिवसेना के नाम और तीर-कमान का निशान इस्तेमाल करने की इजाजत दे दी. आयोग का मानना है कि शिवसेना का मौजूदा संविधान अलोकतांत्रिक है. उद्धव गुट ने बिना चुनाव कराए अपने लोगों को अलोकतांत्रिक रूप से पदाधिकारी नियुक्त करने के लिए इसे बिगाड़ा.
चुनाव आयोग का फैसला आने के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि यह हमारे कार्यकर्ताओं, सांसदों, विधायकों, जनप्रतिनिधियों और लाखों शिवसैनिकों सहित बालासाहेब और आनंद दीघे की विचारधाराओं और यह लोकतंत्र की जीत है. उन्होंने कहा कि देश बाबासाहेब अंबेडकर के संविधान से चलता है. हमने उस संविधान के आधार पर अपनी सरकार बनाई. चुनाव आयोग का जो फैसला आया है, वह मेरिट के आधार पर है। मैं चुनाव आयोग का आभार व्यक्त करता हूं.
उद्धव ठाकरे ने चुनाव आयोग के फैसले पर नाराजगी जताई है. उन्होंने कहा कि देश में लोकतंत्र खत्म हो गया है. पार्टी किसकी है, ये चुने हुए प्रतिनिधि ही तय करेंगे तो संगठन का क्या मतलब रह जाएगा. चुनाव आयोग का फैसला लोकतंत्र के लिए घातक है. हमारी लड़ाई सुप्रीम कोर्ट में चल रही है. देश में सरकार की दादागीरी चल रही है. हिम्मत है तो चुनाव मैदान में आइये, चुनाव लड़िए. वहां जनता बताएगी कि कौन असली है और कौन नकली.
उद्धव ठाकरे ने शिंदे गुट को ‘चोर’ कहा तो इस पर एकनाथ शिंदे ने कहा कि 50 विधायक, 13 सांसद, सैकड़ों जनप्रतिनिधि और लाखों कार्यकर्ता चोर हैं। आप क्या हैं? आत्मनिरीक्षण करें कि यह दिन क्यों आया? आपने 2019 में बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा को बेच दिया.
शिंदे ने कहा कि उन्होंने 2019 में तीर-कमान को गिरवी रख दिया था. हमने बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा और ‘तीर-कमान’ को आजाद कराया. मैं इस पवित्र काम के लिए चुनाव आयोग को धन्यवाद देता हूं. मोदी जी का नाम देश में ही नहीं दुनियाभर में है. हाल के एक ग्लोबल सर्वे में वे नंबर-1 हैं. आपको जलन क्यों हो रही है? सच को स्वीकार करें. ऐसे शब्दों से पीएम मोदी की लोकप्रियता कम नहीं होगी.
वहीं, चुनाव आयोग के फैसले के बाद देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि एकनाथ शिंदे की शिवसेना को शिवसेना का चिन्ह और नाम मिला है. असली शिवसेना एकनाथ शिंदे की शिवसेना बनी है हम पहले दिन से आश्वस्त थे, क्योंकि चुनाव आयोग के अलग पार्टियों के बारे में इसके पहले के निर्णय देखे तो इसी प्रकार के निर्णय आए हैं.
इस मामले में विशेषज्ञ का कहना है कि चुनाव आयोग का फैसला लागू होने पर शिवसेना की सभी संपत्तियों से उद्धव को हाथ धोना पड़ेगा। शिवसेना के पास 148.46 करोड़ की एफडी और 186 करोड़ की अचल संपत्ति है. अब शिंदे गुट असली शिवसेना के रूप में जिसे कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपेगा, उसके हस्ताक्षर को पार्टी की तरफ से वित्तीय लेन-देन के लिए मान्यता मिलेगी. इसके साथ ही महाराष्ट्र में 82 जगहों पर शिवसेना के दफ्तर भी हैं.