मेनका गांधी ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका, सुल्तानपुर से सपा सांसद राम भुआल निषाद पर केस छिपाने का लगाया आरोप

सुल्तानपुर से सपा सांसद राम भुआल निषाद पर एक बार फिर विवाद खड़ा हो गया है. उन पर आरोप है कि उन्होंने अपने चुनावी हलफनामे में दर्ज आपराधिक मामलों की पूरी जानकारी नहीं दी. इस मामले में भाजपा की नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की हैं. सुप्रीम कोर्ट में इस याचिका पर 20 सितंबर को सुनवाई होगी.

मेनका गांधी का आरोप है कि राम भुआल निषाद ने अपने हलफनामे में 12 लंबित आपराधिक मामलों में से केवल 8 का ही उल्लेख किया. उन्होंने इसे जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के उल्लंघन और भ्रष्ट आचरण करार देते हुए, उनके निर्वाचन को अवैध ठहराने की मांग की है.

इससे पहले मेनका गांधी ने 27 जुलाई को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में याचिका दायर की थी. हालांकि, 14 अगस्त को कोर्ट ने उनकी याचिका को समय सीमा से बाधित मानते हुए खारिज कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 81 और 86 के अनुसार, चुनावी याचिका दाखिल करने की 45 दिन की समय सीमा का उल्लंघन हुआ है. यह याचिका 7 दिन की देरी से दाखिल की गई थी.

अब इस मामले को लेकर मेनका गांधी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. उनकी ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने दलीलें पेश की हैं। अब सुप्रीम कोर्ट 20 सितंबर को इस मामले की सुनवाई करेगा। अगर यह मामला मेनका गांधी के पक्ष में जाता है. तो राम भुआल निषाद की सांसदी खतरे में पड़ सकती है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

[srs_total_visitors]