पूर्व विधायक उदयभान करवरिया नैनी जेल से रिहा होकर कौशांबी पहुंचे
पूर्व विधायक और भाजपा नेता उदयभान करवरिया ने प्रयागराज की नैनी जेल से रिहा होकर अपने गांव कौशांबी पहुंचे. यहां उन्होंने अपने पिता भुक्खल महाराज उर्फ वशिष्ठ नारायण करवरिया की प्रतिमा पर दीपक जलाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की.
उदयभान करवरिया अपने परिवार, पूर्व परिचित और करीबी लोगों से मिले। उन्होंने अपने राजनीतिक सफर की नई शुरुआत की घोषणा की. हालांकि उन्होंने समय के साथ इसके सियासी मायने निकालने से इनकार किया.
राजनीतिक जानकार चंद्र दत्त शुक्ला ने बताया कि उदयभान करवरिया भाजपा के सक्रिय कार्यकर्ता रहे हैं और उन्होंने पार्टी की नींव को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
उदयभान करवरिया ने साल 1996 में को-ऑपरेटिव सोसाइटी के अध्यक्ष के रूप में राजनीति में कदम रखा और 2002 तथा 2007 में बारा विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने थे. उन्होंने अपने पिता के नक्शे कदम पर चलते हुए राजनीति में माफिया अतीक अहमद से दुश्मनी रखी और अतीक अहमद के सामने आने से परहेज किया.
उदयभान करवरिया की कौशांबी में वापसी और उनके पिता की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित करने से यह स्पष्ट होता है कि वे अपने राजनीतिक सफर को नई दिशा देने के लिए तैयार हैं.