अपहरण रंगदारी मामले में धनंजय सिंह को 7 साल की जेल और डेढ़ लाख जुर्माने की सजा

जौनपुर की MP-MLA कोर्ट ने नमामि गंगे प्रोजेक्ट के मैनेजर के अपहरण करने और रंगदारी मांगने के मामले में बुधवार को फैसला सुनाया. कोर्ट ने दोषी पूर्व सांसद धनंजय सिंह और उसके सहयोगी संतोष विक्रम सिंह को 77 साल कठोर कारावास की सजा सुनाई। साथ ही दोनों अभियुक्तों पर डेढ़-डेढ़ लाख रुपये जुर्माना भी लगाया.

इस मामले में जेल में बिताई गई अवधि सजा की अवधि में समायोजित की जाएगी। अदालत के आदेश के बाद दोनों अभियुक्तों को जिला जेल भेज दिया गया.

कोर्ट का फैसला सुनाए जाने को लेकर कोर्ट के आसपास सुरक्षा की दृष्टि से भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात की गई थी. कोर्ट के बाहर धनंजय के समर्थक नजर आए. हालांकि 7 साल की सजा मिलने के बाद यह कन्फर्म हो गया की धनंजय अब लोकसभा या विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ पाएंगे.

बता दें कि मंगलवार को नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल का अपहरण करने, रंगदारी मांगने और धमकी देने के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश शरद त्रिपाठी कि कोर्ट ने धनंजय सिंह और उनके सहयोगी संतोष विक्रम को दोषी करार दिया था.

दरअसल, 10 मई 2020 को मुजफ्फरनगर निवासी अभिनव सिंघल ने लाइन बाजार थाने में अपहरण रंगदारी और अन्य धाराओं में धनंजय सिंह और उनके साथी संतोष विक्रम पर मुकदमा दर्ज कराया था. अभिनव ने आरोप लगाया था कि संतोष विक्रम दो साथियों के साथ वादी का अपहरण कर पूर्व सांसद के आवास पर ले गए थे. वहां धनंजय सिंह पिस्टल लेकर आए और गालियां देते हुए कम गुणवत्ता वाली सामग्री की आपूर्ति करने के लिए दबाव बनाया. इनकार करने पर धमकी देते हुए रंगदारी मांगी.

लाइन बाजार थाने में मुकदमा दर्ज होने के बाद इस मामले में पुलिस ने धनंजय सिंह को गिरफ्तार किया था. इसके बाद
उच्च न्यायालय इलाहाबाद से उनको जमानत मिली थी.

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