जिला स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक, DM बोली- बाल विवाह रोकने के लिए सभी मिलकर करें प्रयास

जालौन (उरई) : महिला कल्याण विभाग द्वारा संचालित योजनाएं जिला बाल संरक्षण समिति, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की जिला स्तरीय टास्क फोर्स और बाल विवाह निषेध की जिला स्तरीय टास्क फोर्स की संयुक्त बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ घनश्याम अनुरागी और जिलाधिकारी चांदनी सिंह की अध्यक्षता में हुई।

3 माह की इन योजनाओं की प्रगति के बारे में जिला प्रोबेशन अधिकारी डॉ अमरेंद्र कुमार पौत्स्यायन ने समिति को अवगत कराया। तत्पश्चात एजेंडे के अनुसार बिंदुवार अध्यक्ष तथा सह अध्यक्ष द्वारा एक एक बिंदु पर विस्तार से चर्चा की गई। जिसमें सर्वप्रथम जनपद में बाल संरक्षण समितियों की बैठक ,ब्लॉक बाल संरक्षण समितियों की बैठक तथा ग्राम स्तरीय बाल संरक्षण समितियों की बैठक की समीक्षा की गई।

जिलाधिकारी ने जिला कार्यक्रम अधिकारी को निर्देशित किया गया की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता द्वारा ग्राम स्तर पर होने वाले बाल संरक्षण समिति की बैठक अनिवार्य रूप से कराना सुनिश्चित करें तथा विशेषकर बाल विवाह की रोकथाम के लिए इस समिति का दायित्व निर्धारण करें।

जिलाधिकारी ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि जनपद में मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के जितने भी पात्र लाभार्थी हैं। उनका निश्चित रूप से ऑनलाइन आवेदन कराना सुनिश्चित कराएं तथा प्रत्येक प्रधानाचार्य यह प्रमाण पत्र दे कि उनके यहां एक भी पात्र बालिका इस योजना से वंचित नहीं है।

जिलाधिकारी ने जिला कार्यक्रम अधिकारी एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया कि मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के प्रथम और द्वितीय श्रेणी के समस्त पात्र लाभार्थियों का ऑनलाइन आवेदन कराना सुनिश्चित करें ताकि इस योजना का क्रियान्वयन किया जा सके।

जिला विद्यालय निरीक्षक को निर्देशित करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि नवी कक्षा मे पढ़ने वाली बालिकाओं को पाचवें चरण का इस योजना का ऑनलाइन आवेदन कराना सुनिश्चित करें ।बाल कल्याण समिति के कार्यों की समीक्षा जिलाधिकारी द्वारा किया गया तथा निर्देशित किया गया की देखरेख व संरक्षण वाले बच्चों का लगातार फालोअप किया जाए तथा उन्हें शिक्षा से जोड़कर उनके व्यक्तित्व विकास पर जोर दिया जाए।

जिलाधिकारी ने रानी लक्ष्मीबाई महिला एवं बाल सम्मान कोश के लंबित मामलों के लिए जिला प्रोबेशन अधिकारी व अपर पुलिस अधीक्षक को निर्देशित किया गया।

जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. घनश्याम अनुरागी ने सुझाव दिया कि जनपद की आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुए यहां बाल गृह बालक या बालिका या महिला शरणालय की स्थापना के लिए प्रस्ताव जिलाधिकारी के माध्यम से शासन को भिजवाया जाए ताकि जनपद को एक संस्था अवश्य मिल जाए।

जिलाधिकारी ने जनपद में बाल विवाह रोकने के लिए सबको मिलकर काम करने की आवश्यकता पर बल दिया ताकि बाल विवाह रूपी सामाजिक कुरीति का जनपद से उन्मूलन किया जा सके । बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की कार्य योजना पर बेहतर ढंग से कार्य करने के लिए समस्त सदस्यों को जिलाधिकारी की ओर से निर्देशित किया गया साथ ही कोविड-19 से अनाथ हुए बच्चों को शत प्रतिशत मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना कोविड-19 तथा सामान्य से आच्छादित करने के लिए जिला प्रोबेशन अधिकारी को निर्देशित किया।

बैठक में मुख्य विकास अधिकारी डॉ अभय कुमार श्रीवास्तव ,अपर पुलिस अधीक्षक, असीम चौधरी ,मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एन डी शर्मा, जिला कार्यक्रम अधिकारी इफ्तिखार अहमद, जिला समाज कल्याण अधिकारी सत्यम त्रिपाठी ,जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी रामदत्त प्रजापति, जीएमडीआसी योगेश कामेश्वर महिला थानाध्यक्ष पूनम यादव उप कारागार अधीक्षक श्रम प्रवर्तन अधिकारी तथा महिला कल्याण विभाग की ओर से अलकमा अख्तर ,जूली खातून, प्रियंका, नीतू, वन स्टॉप सेंटर से प्रवीणा एवं रिचा द्विवेदी बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष श्री सतीश चंद्र व सदस्यगण गरिमा पाठक एस के चौधरी डॉक्टर ममता स्वर्णकार ,संध्या, रचना ,चंदन सिंह, जितेंद्र ,आदर्श तथा अन्य सम्मानित सदस्य गणों ने प्रतिभाग किया।

जिला प्रोबेशन अधिकारी ने आज की बैठक में आए समस्त अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन करते हुए बैठक के औपचारिक समापन की घोषणा की।

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