नौजवानों और निर्दोषों पर डंडा चलवा रही है सरकार

लखनऊ. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में कोरोना महामारी से ज्यादा भाजपा सरकार के समय लोग कानून व्यवस्था की स्थिति में आई भारी गिरावट से दहशत में है. कोई दिन ऐसा नहीं जाता जब राजधानी लखनऊ सहित अन्य जनपदों में लूट, हत्या, अपहरण और बलात्कार की घटनाएं न होती हों. महिलाओं और बच्चियों का जीवन तो हर क्षण असुरक्षित दिखाई देता है पुलिस और प्रशासन का अपराधी पर तो बस नहीं चलता है, बस निर्दोष और निहत्थें नौजवानों पर उसका डंडा खूब चलता है.

श्री यादव ने कहा कि कोरोना काल में परीक्षा कराने के विरोध में उतरे सपा के कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज नहीं खूनी हमला हुआ है। सत्ताधारी अपना दम्भ त्यागकर नौजवानों की मांग सुने। ये जनतंत्र है, मनतंत्र नहीं. आज समाजवादी छात्र सभा के निर्वतमान अध्यक्ष दिग्विजय सिंह ‘देव‘ के नेतृत्व में जब छात्र हितों के मुद्दों को लेकर सैकड़ों नौजवान प्रदेश की राज्यपाल महोदया को ज्ञापन देने जा रहे थे उस दौरान गौतमपल्ली थाने के पास उन पर बर्बर लाठीचार्ज किया गया. पुलिस ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष अवनीश यादव, मनोज दुबे, जगराम पासवान, अमित कुमार, हिमांशु पुरैनी को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस लाठीचार्ज से एक दर्जन युवा नेता घायल हुए है. इनमें वाराणसी के छात्रनेता महेश यादव एवं सिद्धार्थ नगर के मोनू दुबे की हालत गम्भीर है.

समाजवादी छात्र सभा के ज्ञापन में मांग की गई कि नीट, जेईई सहित विभिन्न प्रतियोगी तथा स्नातक, परास्नातक की अंतिम वर्ष की परीक्षाएं स्थगित की जाय। छात्रों पर फीस जमा करने के लिए दबाव न बनाएं और उस कारण परीक्षाफल न रोका जाय। भाजपा सरकार द्वारा शिक्षण संस्थानों के निजीकरण पर रोक लगे तथा लखनऊ विश्वविद्यालय में अतिथि प्रवक्ता के 245 पदों पर आरक्षण नियमावली के तहत ही भर्तियां हों. आज के छात्र आंदोलन में मुख्य रूप से लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्र नेता सर्वश्री महेन्द्र सिंह यादव, अंकित सिंह बाबू, विवेक बाबा, पूजा यादव, राहुल सिंह, गौरव पाण्डेय, अरविन्द यादव, रोहित सिंह, शिवम कृष्णा, अभिषेक मिश्रा, सर्वेश शुक्ला, धीरज श्रीवास्तव, अनुज अन्नू, सुश्री जेबा यास्मीन, मिष्ठी खरे, अमर सिंह, वैभव सैनी, सुब्रत अवस्थी, लकी सिंह, जयसिंह प्रताप, आर.पी. सिंह, संदीप कश्यप, कौशलेन्द्र सिंह, नितेश सिंह, मयंक यादव, मंजीत मलिहाबाद, निहाल कुरैशी, धीरज यादव, मेराज अहमद, दीपक आदि.

भाजपा सरकार राजनीतिक द्वेष में अंधी होकर काम कर रही है। जब क्लैट की परीक्षा स्थगित हो गई है तो जेईई और नीट की परीक्षा कराने की हठधर्मी क्यों? कानून व्यवस्था का हाल यह है कि भाजपा सरकार चंदौली से अपहृत युवक अनमोल यादव को बचाने में विफल रही। लाख मिन्नतों के बाद भी नहीं जागा प्रशासन, उल्टे पीड़ित परिवार को ही धमकाया गया। रायबरेली के लालगंज थाने में थर्ड डिग्री टार्चर से दलित युवक मोहित की मृत्यु हो गई। उसे 3 दिन थाने में बंद रखा गया। आगरा में एक परिवार के 3 लोगों की हत्या के बाद शव जलाने का प्रयास किया गया। बांदा के तिंदवारी थानान्तर्गत एक किशोरी की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई। उसका चेहरा कुचला गया.

हद तो यह है कि मुख्यमंत्री जी के गृह जनपद गोरखपुर में 28 दिनों में 14 हत्याएं हो गई। बदायूं के एक थानाध्यक्ष का वीडियों बताता है कि भाजपा राज में भ्रष्टाचार कितना फैला है और पुलिस जनता की नहीं रिश्वत देने वाले अपराधियों की मित्र हैं। थानाध्यक्ष का कहना है, ‘बस हाँ करो, हमारे पास सब इलाज है’ सच तो यह है कि उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार आंख पर पट्टी और कान में रूई डालकर बैठी है। नौजवान बेकारी से परेशान है। किसान बाढ़-वर्षा से बर्बाद फसल और कर्ज से मजबूर होकर फांसी लगा रहा है। सत्याग्रह के देश में भाजपा दुराग्रह से काम चला रही है। आखिर दमन के जरिए तमाम समस्याओं का समाधान कैसे होगा? भाजपा याद रखे जनता के पास सत्ता पलटने की ताकत है.

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