महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर का सबसे अधिक खतरा
सोनभद्र. सर्वाइकल कैंसर बीमारी से बचाव बहुत जरूरी है यह बीमारी गर्भाशय ग्रीवा से शुरू होकर लीवर ब्लैडर, फेफड़ों और किडनी सहित शरीर के अन्य हिस्सों तक फैल जाता है. मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एसके उपाध्याय के अनुसार आंकड़ों की बात माने तो ब्रेस्ट कैंसर के बाद 25% महिलाओं की मौत का दूसरा कारण सर्वाइकल कैंसर है। उन्होंने बताया कि सर्वाइकल कैंसर गर्भाशय ग्रीवा से शुरू होकर शरीर के दूसरे अंगों तक फैलता है गर्भाशय ग्रीवा एक सरफेस से कवर होती है जिसके सेल्स में कैंसर विकसित होता है.
यह बीमारी ज्यादा तर पैपीलोमा वायरस के कारण होती है। 30 से 45 की उम्र में महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर का सबसे अधिक खतरा होता है इसके अलावा गर्भनिरोधक गोलियों का अधिक सेवन करना, अल्कोहल या सिगरेट पीना, एचपीवी संक्रमण के कारण कम उम्र में मां बनना, बार-बार प्रेग्नेंट होना और असुरक्षित यौन संबंध बनाने के कारण महिला इस बीमारी की चपेट में जल्दी आ जाती है.
सर्वाइकल कैंसर के लक्षण के बारे में जानकारी देते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एसके उपाध्याय ने बताया कि महिलाओं का पीरियड अनियमित, असामान्य रक्त स्राव, बार बार यूरिन आना, पेट के निचले हिस्से में दर्द या सूजन, बुखार, थकावट, भूख न लगना, इसके मुख्य कारण है ।सर्वाइकल कैंसर से बचने के लिए जरूरी है नियमित चेकअप, इसके लिए महिलाओं को चाहिए कि वह 2 या 3 साल में एक बार पैप स्मीयर टेस्ट अवश्य कराएं ताकि समय रहते इस बीमारी का पता लगाया जा सके। सर्वाइकल कैंसर से बचाव के बारे में जानकारी देते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी एसके उपाध्याय ने कहा कि असुरक्षित शारीरिक संबंध बनाने से महिलाओं को बचना चाहिए और एक से ज्यादा पार्टनर के साथ संबंध न बनाए ,धूम्रपान शराब जैसी नशीली वस्तुओं से जितना हो सके दूरी बनाए रखें इसमें निकोटिन होती है जो गर्भाशय ग्रीवा में जमा होकर कैंसर सेल्स को बढ़ाता है.महिलाओं को अपनी डाइट में हरि सब्जियों, डेयरी प्रोडक्ट्स, फाइबर फ्रूट्स, साबुत अनाज, दही, सूखे मेवे व बीन्स अधिक लेना चाहिए साथ ही जंग फ्रूट्स और बाहरी चीजों से दूरी बनाए और प्रतिदिन व्यायाम करें ऐसा करने से सर्वाइकल कैंसर से बचा जा सकता है.