संचारी रोग व कोविड-19 महामारी से बचाव हेतु स्वास्थ्य टीम लोगों को कर रही जागरूक
सोनभद्र. जिले में संचारी रोग नियंत्रण अभियान का द्वितीय चरण चलाया जा रहा है। इस दौरान स्वास्थ्य विभाग की टीम लोगों को साफ-सफाई, घरों के पास पानी इकट्ठा न होने देने, मच्छरों के प्रजनन स्थल को नष्ट करने तथा कोरोनावायरस संक्रमण के बचाव हेतु जागरूक किया जा रहा है. जिससे आम जनमानस संक्रामक बीमारियों की चपेट में न आने पाए.
संचारी रोग नियंत्रण अभियान के नोडल शुभम ने बताया कि जनपद के सभी ब्लॉकों मे संक्रामक रोगों से बचाव के लिए लोगों को जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है. इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग की आशाएं घर-घर जाकर लोगों को साफ सफाई के प्रति जागरूक करने के साथ ही बच्चों के हाथ धोने के तरीके, बुखार रोगियों की निगरानी तथा आवश्यकता अनुसार बुखार मरीजों हेतु वाहनों की व्यवस्था करने तथा कोविड-19 से बचाव के लिए आवश्यक जानकारी प्रदान कर रही हैं. उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त जिला पंचायत राज विभाग, बाल विकास पुष्टाहार, कृषि विभाग, पशुपालन, नगर पालिका एवं नगर पंचायत तथा शिक्षा विभाग के सहयोग से संचारी रोग नियंत्रण एवं दस्तक अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य साफ सफाई के प्रति लोगों को जागरुक करना, कूलर का पानी बदलने व घरों के आसपास पानी इकट्ठा न होने दें और जो मच्छरों के प्रजनन स्थल हैं उन्हें नष्ट करने तथा कोविड-19 महामारी से आम जनमानस को जागरुक करना है.
नोडल अधिकारी शुभम ने बताया कि कहा कि नगरीय क्षेत्रों में नगर पालिका तथा नगर पंचायतों द्वारा वार्डो में नालियों की साफ-सफाई एवं खुली नालियों को और गड्ढों को भरने का कार्य कराया जा रहा है ताकि उसमें जल एकत्रित न होने पाए. इसके अलावा कृषि विभाग द्वारा कीटरोगो के नियंत्रण के लिए आवश्यक संवेदीकरण बैठ के कर लोगों में जागरूकता लाई जा रही है. पशुपालन विभाग लोगों को सूअर बाड़े को आबादी से दूर रखने हेतु सुझाव दे रहे हैं ताकि लोगों को संक्रामक रोगों से बचाया जा सके. उन्होंने बताया कि ग्रामीण स्तर पर गांव में ग्राम प्रधानों द्वारा स्वच्छता के प्रति लोगों का संवेदीकरण कराया जा रहा है ।इसके अतिरिक्त नालियों की सफाई, झाड़ियों की कटाई का कार्य कराया जा रहा है. स्वास्थ विभाग की टीम संचारी रोग नियंत्रण तथा कोविड-19 महामारी के बचाव हेतु प्रोटोकाल का पालन करते हुए आम जनमानस को जानकारी दे रहे हैं. जिससे लोगों को संक्रामक बीमारियों की जद में आने से बचाया जा सके.