आकाश मेरा ही तो नहीं आखिर मैं कैसे दिशाओं में ताले भर दूं.. अजय शेखर


सोनभद्र..अमरा भगवती धाम में नौ दिवसीय मानस यज्ञ के पश्चात अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन सम्पन्न हुआ वाणी वंदना वाराणसी से आई कवयित्री विभा सिंह ने किया सभी कवियों को अंग वस्त्र प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया और वरिष्ठ साहित्यकार अजय शेखर की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ

कवि सम्मेलन में वरिष्ठ साहित्यकार अजय शेखर की कविता अब बाजारों में यहां ईमान बिकता हैं रूदन की दुकान सजती गान बिकता हैं कुछ आ गयी हैं सस्ती इस कदर यहां की कौड़ियों के मोल अब इंसान बिकता हैं तथा मैं वो साज हूं जो कहीं बजाया नहीं गया सुनाकर खूब तालिया बजी, प्रद्युम्न तिवारी ने बतलाता इतिहास हमारा भारत जब भी हारा हैं नहीं किसी दुश्मन के आगे अंदर के गद्दारों से काफी सराही गई, रामनाथ शिवेन्द्र ने हंथियार से ही होगे दिलों के फैसले तो गुगे को चाहिए जुबान किस लिए सुनाकर आदमी की पीड़ा का चित्रण किया। श्रृगार की पंक्तियों के साथ ईश्वर विरागी ने अलसाई सी धूप फागूनी गंध कलश छलकायें
नेह रंग आंखों में डाले द्वार खड़ी मुस्कायें सुन श्रोता भाव विह्लवल हो गये जगदीश पंथी ने विरह वेदना का चित्रण कर तोहरे बिनु जिउवा बड़ा घबराला रात बीते ना विताये परेला सुनाकर करूण रस का संचार किये। हास्यरस के धुरंधर कवियों में शुमार नर सिंह साहसी सुनील चउचक दिवाकर द्विवेदी शिवदास जैराम सोनी ने लोगों को खूब हंसाया व शासन प्रशासन की ब्यवस्थाकुरीतियों अंधविश्वास बुराइयों पर कुठाराघात रचना के माध्यम से किया।

वाराणसी से आई पूनम श्रीवास्तव ने होली, बसंत, फाग,रसिया गाकर वासंती रंग में लोगों को खूब मनोरंजन कर मानवता का संदेश दिया डा0 रविन्द्र कुमार, जयश्री राय, दिलीप सिंह दीपक, प्रभात चंदेल, अब्दुल हई, अरूण तिवारी, राधेश्याम पाल, गोपाल कुशवाहा, विकास वर्मा, दयानंद दयालु ने भी काव्य पाठ किया और संचालन अशोक तिवारी ने किया इस अवसर पर सुरेन्द्र नाथ दूबे, बच्चा यादव, चन्द्रिका यादव, रामकृष्ण तिवारी, ओम दूबे, मोहन यादव, भोला आदि लोग मौजूद रहें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

[srs_total_visitors]