निराले अंदाज में मनाई गई “सूर्यकांत त्रिपाठी निराला” की जयंती

सोनभद्र मधुरिमा साहित्य गोष्ठी के तत्वावधान में वरिष्ठ साहित्यकार अजय शेखर की अध्यक्षता में बसंत पंचमी के अवसर पर श्री शेखर के आवास पर परंपरागत व निराले अंदाज में महाप्राण सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की जयंती इस वर्ष भी मनाई गई इस अवसर पर विचार गोष्ठी व काव्य पाठ का आयोजन किया गया विचार व्यक्त करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार श्री अजय शेखर कहा कि महाप्राण निराला युगपुरुष और युगनायक भी थे विषमताओं के बीच जीवन व्यतीत करते हुए उन्होंने विष पिया और समाज को अमृत दान दिया मानवीय संवेदनाओं एवं जन सरोकारों का चित्रण उन्होंने किया स्वाभिमान और करुणा के वे साकार रूप थे एक ओर वो जहां महान विनम्र थे वही कठोर भी स्वाभिमान उनकी सबसे बड़ी पूंजी थी ममता करुणा से ओतप्रोत उस महानायक को आज मैं अपनी विनम्र श्रद्धांजलि समर्पित करता हूं निराला का जीवन निराला था वे आजीवन संघर्ष करते रहे और उनकी रचनाएं आज भी प्रासंगिक है।

राष्ट्रपति से सम्मानित शिक्षक ओम प्रकाश त्रिपाठी ने कहा कि महाकवि निराला की जन्मभूमि क्रांतिकारियों की धरती रही उनका साहित्य क्रांति से ओतप्रोत रहा है इनकी रचनाओं में शासन सत्ता से संघर्ष का रूप देखने को मिलता है संत कीनाराम स्नाकोत्तर महाविद्यालय कैमूर पीठ के प्राचार्य डॉ गोपाल सिंह ने निराला जी के जीवन व्यक्तित्व कृतित्व पर विस्तृत प्रकाश डालते हुए कहा कि निराला की सरोज स्मृति बेटी के प्रति संवेदनशीलता को दर्शाती है इस अवसर पर डॉ अर्जुनदास केसरी रामनाथ शिवेंद्र दीपक कुमार केसरवानी सुशील राय प्रदुम कुमार त्रिपाठी विकास वर्मा अशोक तिवारी सुनील शुक्ला जय राम सोनी जगदीश पंथी खुर्शीद आलम गोपाल पाठक विकास वर्मा राधेश्याम पाल ईश्वर विरागी सुशील सुशील राही दिवाकर विजयगढ़ धर्मेंद्र चौहान नजर मोहम्मद रजक समेत बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे

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